Farzi Baatein

अरे दीवानो मुझे पहचानो (Aree Deewano Mujhe Pehchano) Chirag Ki Kalam

अरे दीवानो मुझे पहचानो……. कहा से आया मैं हूँ कौन । याद हूँ या भूल गए , वैसे मैंने कोशिश तो की थी के भूलने नहीं दूंगा । पर क्या हैं न के आज का ज़माना तो रील्स का हैं और मैं ठहरा पुराने टाइम वाला ब्लॉगर, जो घंटो बैठ के सोचता हैं क्या लिखूं कैसे लिखूं और क्यों लिखू । वैसे लिखने का कार्यक्रम जारी था बस ब्लॉग पर चिपकाने का सिलसिला बंद सा था । तो बस इसी सोच में मैंने अपनी सोच से सोचकर पूछा के करे शुरू फिर से वही खेल और जवाब में हां के अलावा कुछ और मिला ही नहीं । तो बस जब मन के संशय ना हो तो काम शुरू कर देना चाहिए।

तो मैं आ गया हूँ फिर से आप सभी से बाते करने, कहानिया कहने, कविताएं सुनाने और हां उस खेल के बारे में बात करने जिसकी वजह से हम कई हिन्दुस्तानी जिंदगी में आगे बढ़ने का हौसला रखते हैं। लिखने का शौक काफी वक्त पहले  लगा और तब से अब तक बहुत कुछ लिखा है । वैसे शुरुवात मे ये सिर्फ एक तरीका था कुछ अलग करने का क्योंकी इंजिनियरिंग ने कुछ अलग करने का कीडा लगा दिया था ।

खैर तब शायद इंजिनियर्स  का  लेखक बनने  का दौर शुरु हुआ था । चेतन भगत हम जैसे लेखको के लिये एक वो फोटो फ्रेम थे जिसमे हम जैसे लेखक अपने को देखना  चाहते थे ।खैर इसी दौर मे कई बार हुआ जब ब्लाग पर बहुत कम लिखना हुआ । आप माने या ना माने मैंने अब तक 4 ब्लाग बनाये है और किसी ना किसी कारण से डीलीट  भी कर दिये ।  परंतु हर ब्लाग से एक नयी बात सिखी है जैसे हर सेमेस्टर मे एक ना एक सब्जेक्ट  और किस्से सिखाते  थे । 

जब भी आपका भी मन कुछ लिखने का हो तो पहला काम ये कीजियेगा के पढियेगा, लिखने के लिए पढ़ना बहुत जरुरी होता हैं | बस इसी सिलसिले में कुछ दिनों से पढ़ने का काम जारी था और आगे भी रहेगा। ब्लॉग पर ही मैं कभी कभी उन किताबो का जिक्र करूँगा जिन्हे मैंने अब तक पढ़ लिया हैं |

मैंने अपनी पहली किताब PCO(पी.सी.ओ ) Amazon पर publish की और शायद ये मेरी जिंदगी के उस रास्ते  का सबसे पहला पडाव था । उस किताब को लिखने के बाद मुझे वैसा ही  सूकून  मिला जैसा हमे तब मिलता है जब शाम को घर आये और एक कप अदरक  वाली चाय सीधा  हाथ मे आ जाये ।

जब भी आपको लगे के वो रास्ता जिस पर आप चलना चाहते है और चल नही पा रहे तो बस कुछ देर उस रास्ते पर रुकिये जिस पर आप अभी चल रहे है और बस एक कदम उस रास्ते पर चलिये जिस पर आप दिल से चलना चाहते है । जब आप एक कदम बढायेंगे तो अपने आप दुसरा कदम उसके साथ चलने  लगेगा कुछ दिनो से ब्लाग पर कुछ लिखा नही था । हा लिख तो रहा था पर ब्लाग पर नही । इसे मैं समय की कमी नही कहूंगा क्योंकी आप चाहे तो किसी भी काम के लिये वक्त निकाल सकते है । आज फिर से वापसी है  और अब रोज़ एक पोस्ट लिखने की कोशिश  करता रहूंगा । आप सभी का फिर से सवागत हैं Chirag Ki Kalam पर |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *