बर्फ में बर्फ कविता तुमको पाने के रास्ते कई थे,कौन सा चुनता, बस यही परेशानी थी।या तो हाथ पकड़ लेताऔर सीधा कह देता,या दोस्त से 50 रुपयेउधार लेकर गुलदस्ता ले आता। वैसे तुम्हें रबड़ी की चुस्कीबहुत पसंद थी,पर तुम अक्सर गर्मियों मेंचली जाती थी नानी के यहाँ। तुम्हारी नानी का…