मेरा हमेशा से मानना हैं के अपने बारे में बताना हमेशा से एक कठिन काम रहा हैं । क्योंकि दुनिया को जानने वाले और समझने वाले तो कई लोग मिल जाएंगे परन्तु जिसने अपने आप को जान लिया उसके लिए फिर किसी को समझना और जानें आसान रहता हैं ।
मेरी कहानी कुछ ऐसी हैं के पेशे से एक शिक्षक हूँ । यूनिवर्सिटी में संगणक अभियांत्रिकी के विषय पढ़ता हूँ और थोड़ा बहुत शोध में रूचि भी रखता हूँ । अभियांत्रिकी की उपाधि लेकर विद्यावाचस्पति की उपाधि पाने तक एक बात हमेशा मानी हैं के किसी भी मंजिल को पाने के लिए रास्ते का सही होना बहुत जरुरी होता हैं ।
लिखने का शौक इंजीनियरिंग के दिनों से लगा और फिर धीरे धीरे इसने सुकून देना शुरू किया । क्रिकेट पर दखलंदाज़ी करने से लेकर Save Your Voice तक जिंदगी में बहुत उठापटक की हैं । इस देश के 99% लड़को की तरह क्रिकेट खेलने के शौक ने लेखन में भी बहुत साथ दिया । Bhuvneshwar Kumar का फ़ोन पर लिया इंटरव्यू हो या फिर Devendra Bundela सर से साक्षात मिलाकर बात करना । लेखन और इस खेल ने बहुत कुछ दिया हैं ।
बस अब इसी सिलसिले को आगे बढ़ाएंगे अपनी कहानी , कविता और क्रिकेट की बातो के जरिये । इस सफर में आप सभी लोग साथ बनाये रखना और जहा भी कोई सुधार की गुंजाइश हो अपने कमैंट्स के जरिये जरूर बताइयेगा |